मिट्टी की कलाकृतियों एवं बर्तनों की पांच दिवसीय ऐतिहासिक प्रदर्शनी का हुआ उद्घाटन

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कुरुक्षेत्र (एकजोत)।खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कुरुक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर परिसर में द्रौपदी कूप में आयोजित मिट्टी की कलाकृतियां, मिट्टी के बर्तन और खादी सहित विभिन्न ग्रामोद्योग उत्पादों और पीएमईजीपी इकाइयों के उत्पादों की पांच दिवसीय प्रदर्शनी एवं बिक्री कार्यक्रम का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से प्रेरित इस प्रदर्शनी का उद्देश्य खादी और ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत कुम्हार सशक्तिकरण, प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) और खादी निर्माण से जुड़ी संस्थाओं, कारीगरों और लाभार्थियों को विपणन मंच प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) पूज्य बापू, खादी और कुटीर उद्योगों की विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सराहनीय कार्य कर रहा है। प्रदर्शनी के माध्यम से केवीआईसी देशभर के उन कारीगरों और लाभार्थियों को एक मंच प्रदान कर रहा है जो किसी न किसी रूप में केवीआईसी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में कुल 21 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से 15 स्टॉल उन कुम्हारों के हैं जिन्हें केवीआईसी ने कुम्हार सशक्तिकरण योजना के माध्यम से इलेक्ट्रिक चाक उपलब्ध कराए हैं। इसके साथ ही पीएमईजीपी/खादी संस्थाओं के लाभार्थियों के भी 6 स्टॉल हैं, जिनमें ग्रामोद्योग के उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। आगंतुकों को खादी और मिट्टी के बर्तन बनाने की प्रक्रिया समझाने के लिए यहां लाइव डेमो भी आयोजित किए गए हैं। उन्होंने लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तथा एमएसएमई मंत्रालय के मार्गदर्शन में नए भारत की नई खादी नए मानक स्थापित कर रही है। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल तथा आत्मनिर्भर भारत अभियानों को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में खादी क्रांति के तहत खादी एवं ग्रामोद्योग की बिक्री पिछले 10 वर्षों में 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है, जबकि 10.17 लाख नए लोगों को रोजगार मिला है। हरियाणा में 131 खादी संस्थाओं के माध्यम से 59,996 कारीगरों को रोजगार मिल रहा है। वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक कुम्हार सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत 96.86 लाख रुपये की लागत से 1610 कुम्हारों को प्रशिक्षण एवं इलेक्ट्रिक चाक वितरित किए गए हैं, जबकि मधुमक्खी पालकों को अब तक 3.08 करोड़ रुपये की लागत से 4200 मधुमक्खी बॉक्स प्रदान किए गए हैं। पीएमईजीपी के तहत वर्ष 2014 से अब तक हरियाणा में 15,933 नई इकाइयां भी स्थापित की गई हैं, जिनके माध्यम से 21 लाख लोगों को रोजगार मिला है। इन इकाइयों की स्थापना के लिए भारत सरकार ने 484.45 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की है।

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