भारत की प्रगति और वैश्विक प्रतिष्ठा में डॉ मनमोहन सिंह का योगदान रहेगा याद : प्रिंसीपल 

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शाहाबाद मारकंडा‌ (एकजोत): श्री गुरु नानक प्रीतम गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल मे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर सभी विद्यार्थियों व स्कूल स्टाफ ने 2 मिनट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। डॉ सिंह ने गुरुवार रात दिल्ली के अस्पताल में अंतिम सांस ली। प्रधानाचार्य दीपंश कौर कोहली ने बताया कि डॉ मनमोहन सिंह जी का जन्म अविभाजित पंजाब के जिला चकवाल के गाह गांव में 26 सितंबर 1932 को हुआ था। उनकी माता का नाम अमृत कौर और पिता का नाम गुरमुख सिंह था। वे वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने बताया कि डॉ सिंह 1991 से 1996 तक पी वी नरसिम्हा राव के मंत्रीमंडल में वित्त मंत्री भी रहे। उन्हें भारत में आर्थिक सुधारों का जनक भी कहा जाता है। वे 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक भारत के 13वें प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल में आधार, आरटीआई, मनरेगा, आरटीई जैसी अनेक योजनाएं आरम्भ की। अमेरिका के साथ परमाणु संधि उनकी एक विशेष उपलब्धि है। प्रधानाचार्य दीपंश कौर ने अपनी संवेदना प्रकट करते हुए बताया कि डॉक्टर मनमोहन सिंह एक दूरदृष्टा, विद्वान, विनम्र और महान अर्थशास्त्री थे। भारत की प्रगति और वैश्विक प्रतिष्ठा में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

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