कोरोना से जीते, जिंदगी से हार गए काजी रशीद मसूद
अमर ज्वाला ब्यूरो
सहारनपुर। कोरोना से जंग जीतने के बावजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री काकाी रशीद मसूद जिंदगी की जंग हार गए। मसूद 9 बार लोकसभा और राज्यसभा सदस्य रह चुके थे। कोरोना पॉजिटिव होने के कारण उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से छुट्टी मिलने के बाद वे स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे। वे पहले से ही हार्ट और किडनी डिजीज से ग्रस्त थे। सोमवार की सुबह रुडक़ी में उनका निधन हो गया। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय वीपी सिंह की सरकार में वह स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी रह चुके थे और वेस्ट यूपी में उन्हें सियासत का बड़ा चेहरा माना जाता था।
काज़ी रशीद मसूद पांच बार लोकसभा सदस्य और चार बार राज्यसभा सदस्य तथा स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे। 2012 में यूपी विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने काज़ी रशीद मसूद को राज्यसभा सदस्य बनाया और केंद्रीय मंत्री का दर्जा देते हुए एपीडा का चेयरमैन बनाया था। उन्होंने पहला लोकसभा चुनाव इमरजेंसी के तुरंत बाद 1977 में लड़ा था। वह जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में कूदे और जीत दर्ज की। इसके बाद जनता पार्टी (सेक्यूलर) में शामिल हो गए। वर्ष 1989 का चुनाव उन्होंने जनता दल से लड़ा और फिर जीत दर्ज की। इस दौरान वह 1990 और 91 में स्वास्थ्य राज्य मंत्री थे। रहे। वे 1994 में सपा में शामिल हो हुए, मगर दो साल बाद ही 1996 में उन्होंने इंडियन एकता पार्टी बनाई। वर्ष 2003 में दोबारा सपा का दामन थामा और 2004 में सपा की टिकट पर जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2012 यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में आ गए। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री रहने के दौरान एमबीबीएस के भर्ती मामले में सकाा होने पर जेल गए और राज्यसभा की सदस्यता भी खोनी पड़ी थी।