अध्यात्म को अब लोक संस्कृति का हिस्सा बनाना है : सिद्धार्थ औलिया

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कुरुक्षेत्र (एकजोत) :समर्थगुरू धाम संस्थान के संस्थापक समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया की कृपा से देश के विभिन्न ध्यान केंद्रो पर विश्व ध्यान दिवस बहुत धूम-धाम से मनाया गया। हिमाचल की जोनल कोऑर्डिनेटर आचार्य मां साधना ने पिरामिड सेंटर मुबारकपुर और गवर्मेंट कॉलेज डेराबस्सी में विश्व ध्यान दिवस मनाया। उन्होंने सभी को ध्यान क्या है, ध्यान क्यों करें एवं ध्यान के फायदे बताते हुए ब्रह्मनाद ध्यान का प्रयोग करवाया।कार्यक्रम में 200 से ज़्यादा साधकों ने ध्यान में गहरी डुबकी लगाई। साधकों का फीड बैक बहुत उत्साह वर्धक रहा और उन्होंने आगे भी इस तरह का प्रोग्राम करवाने का आग्रह किया।‌ उधर, समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया ने ट्वीटर के माध्यम से बताया कि जिस अध्यात्म की नींव पर सनातन धर्म खड़ा है, उस अध्यात्म को अब लोक संस्कृति का हिस्सा बनाना है। सनातन धर्म की वैज्ञानिकता को उजागर करना है, बल्कि सनातन धर्म के वैज्ञानिक स्वरूप को लोक संस्कृति का हिस्सा बनाना है और सनातन धर्म का वैज्ञानिक स्वरूप ध्यान और योग पर खड़ा है।समर्थगुरु संघ के हिमाचल स्टेट कोऑर्डिनेटर आचार्य कुंजबिहारी ने कहा कि ध्यान योग, कर्मयोग और भक्ति योग के कार्यक्रम बहुत सुंदर डिजाइन किए गए है। समर्थगुरु संघ के हिमाचल जोनल कोऑर्डिनेटर आचार्य डॉ. सुरेश मिश्रा ने बताया कि समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया ने जनमानस के कल्याण और सनातन धर्म की वैज्ञानिकता पर आधारित ध्यान योग के सुंदर कार्यक्रम बनाए हैं। सद्गुरु और शिष्य परम्परा में ही आध्यात्मिक क्षेत्र को अनुभव किया जा सकता है।

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