कुरुक्षेत्र (एकजोत)। सर्व समाज कल्याण सेवा समिति एवं श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में विश्वविद्यालय के आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान मेंं रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 32 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया। शिविर का आयोजन मुंशी लाल सैनी की याद में किया गया। शिविर में श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की व अध्यक्षता समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर सैनी ने की। अतिथियों का शिविर में पधारने पर समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर सैनी, प्रदेश उपाध्यक्ष कर्मवीर सैनी, तरुण वधवा व अजीत सैनी ने बुके भेंट कर स्वागत किया। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने रक्तदाताओं को बैच लगाकर उनका उत्साहवर्धन किया। कुलपति प्रो वैद्य करतार सिंह धीमान द्वारा शरद ऋतु में रक्तदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि रक्तदान करने वाले व्यक्ति को पित्त जन्य रोग जैसे कि दाद, खाज, खुजली, सोरायसिस, एग्जिमा और सफेद कुष्ठ नही होता इसके साथ ही रक्त तथा पित्त की विकृति से होने वाले रोग विभिन्न प्रकार की गांठे, सूजन वा एलर्जी नही होती। उन्होंने बताया कि रक्त को कृत्रिम रूप से बनाया नहीं जा सकता है। यह इंसान के शरीर में स्वयं ही बनता है इसकी आपूर्ति का कोई अन्य विकल्प नहीं है। उन्होंने रक्तदान को महादान बताया। कहा कि रक्तदान से कोलेस्ट्रॉल घटाने में मदद मिलती है। रक्तदान करने से शरीर में नया खून और नई सेल्स बनते हैं जो रक्त को पतला करती है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र चौधरी ने बताया कि वैसे तो रक्तदान महादान बताया गया है, मगर शरद ऋतु में रक्तदान करने के बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ व्यक्ति को मिलते है। इसके साथ ही बहुत सारी गंभीर बीमारियों से स्वंय को बचाया जा सकता है। दरअसल वर्षा ऋतु में शरीर के अंदर पित्त का संचय होता है, जो कि शरद ऋतु में शरीर के अंदर फैलना शुरू होता है। जिसकी वजह से विभिन्न प्रकार के चरम रोग पैदा होते है। इस अवसर पर उप चिकित्सा अधीक्षक डा. सुरेंद्र सहरावत, असिस्टेंट रजिस्ट्रार डा. अतुल गोयल, सुपरिटेंडेंट डा. अरविंद कुमार, डॉ सुरिंदर कौर सहित कई गणमान्यजन मौजूद रहे।