जीवन में एकाग्रता बढ़ाने के लिए बताया मेडिटेशन का महत्व

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कुरुक्षेत्र (एकजोत) : उदयन शालिनी फैलोशिप उदयन केयर आईटी सेंटर कुरुक्षेत्र की ओर से वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उदयन केयर संस्था कुरुक्षेत्र की संयोजिका डॉ. सुषमा शर्मा रहीं। साथ ही, कार्यक्रम में श्वेता  ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। कार्यशाला का उद्देश्य न केवल छात्रों को मानसिक शांति और एकाग्रता के महत्व से अवगत कराना था, बल्कि उनके भीतर आत्मबल और जीवन मूल्यों को सुदृढ़ करना भी था। कार्यक्रम के दौरान डॉ. सुषमा शर्मा ने सभी शालिनियों और आईटी छात्राओं से वीर बाल दिवस के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमें अपने महान बलिदानी वीर बालकों के योगदान को कभी नहीं भूलना चाहिए और उनके आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। मेडिटेटर श्वेता ने छात्राओं के साथ 30 मिनट का मेडिटेशन सत्र आयोजित किया। उन्होंने मेडिटेशन की प्रक्रिया और उसके फायदों पर प्रकाश डाला। श्वेता ने जीवन में एकाग्रता बढ़ाने के लिए मेडिटेशन के महत्व और हमारे शरीर के सात चक्रों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस कार्यशाला में लगभग 50 छात्राओं और शालिनियों ने भाग लिया, जिनमें उदयन घर के 6 बच्चों ने भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम के आयोजन में आईटी ट्रेनर गीतांजलि और एपीसी पूजा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

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