खन्ना थाने के पूर्व प्रभारी की जमानत याचिका रद
बाप–बेटे को थाने में नंगा खड़ा किया था, जातिसूचक शब्द भी बोले थे
लुधियाना। एडिश्नल सेशन जज जगदीप सिंह मुरोक की अदालत ने बाप-बेटे समेत तीन लोगों को थाने में नंगा खड़ा करने व जातिसूचक शब्द इस्तेमाल करने के आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर बलजिंदर सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
अदालत ने कहा कि उसी थाने में तैनात हेड कांस्टेबल वरिंदर कुमार ने लिखित तौर पर इस बात की पुष्टि की है कि यह घटना हुई थी। पुलिस इंस्पेक्टर बलजिंदर सिंह ने जमानत याचिका में कहा था कि पुलिस ने उनके विरुद्ध झूठा केस दर्ज किया है। उन्होंने शिकायतकर्ता को उसके खेत से नहीं उठाया था। इस मामले को लेकर बनाई गई एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने भी ये पाया था कि 12 जून को ऐसी कोई घटना घटित नहीं हुई थी। इंस्पेक्टर ने कहा कि उन्हें शिकायतकर्ता जसवंत सिंह की जाति के बारे में पता ही नहीं था, इसलिए उसे जातिसूचक शब्द कहने का कोई कारण ही नहीं नहीं बनता है। शिकायतकर्ता खुद अपराधिक पृष्ठभूमि वाला है। दूसरी ओर शिकायतकर्ता के वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी ने बिना किसी कारण जसवंत को उसके खेतों से जबरन उठाया और बाद में थाने ले जाकर कथित तौर पर थर्ड डिग्री टॉर्चर कर उसकी एक वीडियो बनाई। इस दौरान आरोपी ने शिकायतकर्ता को जातिसूचक शब्द कहने के साथ-साथ उसकी धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई।