कुरुक्षेत्र(एकजोत): भारतीय किसान यूनियन चढूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी सहित 11 किसानों ने किसान आंदोलन के समर्थन में लघु सचिवालय समक्ष दोपहर 11 बजे से लेकर सांय 4 बजे तक भूख हड़ताल की। किसानों ने अपनी मांगों का ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नाम सौंपा। ज्ञापन में कहा किया गया कि आंदोलन 2020 की शेष रही मांगों सहित न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर हरियाणा-पंजाब के बार्डर पर किसान आंदोलनरत हैं। इस आंदोलन में जगजीत सिंह डल्लेवाल किसानों की मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से मरणाव्रत पर बैठे हैं, उनकी सेहत बेहत नाजुक स्थिति में है। आंदोलनरत किसानों की सभी मांगे जायज व तथ्यात्मक हैं किसानों की इन मांगों का उनका संगठन का पूर्ण समर्थन है। ज्ञापन के माध्यम से प्रार्थना की गई कि जल्द से जल्द आंदोलनरत किसानों से पुन: बातचीत शुरू कर जगजीत सिंह के जीवन को बचाया जाए अन्यथा देश भर के किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगा। इसके अलावा ज्ञापन में कहा गया कि कृषि विज्ञापन नीति के नए मसौदे में मंडी से बाहर प्राईवेट स्थान को भी मंडी मानना की शर्त गलत है, जिससे किसान को सीधा सीधा नुकसान होगा क्योंकि मंडी के अन्दर फसल को खरीदने वाले अधिक व्यापारी आते हैं। प्राईवेट स्थल को मंडी बनाने से फसल के भाव को लेकर होने वाली व्यापारियों की प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाएगी। प्राईवेट स्थल पर एक ही व्यापारी होगा, जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिलेगा। दूसरा इससे राजस्व की हानि होगी, जिससे गांव की सड़कें व विकास होता है। इस कानून से देश में बेरोजगारी बढ़ेगी और यह उन तीन कानूनों का हिस्सा है जिसका किसानों ने देश भर में विरोध किया था। इसलिये आपसे अनुरोध है कि इस मसौदे को तुरन्त वापिस लिया जाए। मांग की गई कि किसान आंदोलन व प्रदर्शनों के दौरान बने सभी केस वापिस लिए जाएं।